शिव दयाल मिश्रा
इच्छा शक्ति और दृढ़ संकल्प के बूते प्रत्येक मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त कर ही लेता है। मनुष्य अकेला ही जब लक्ष्य प्राप्त कर सकता है तो फिर उसके साथ उसकी ट...
पता नहीं, कब से इस संसार में खरीदने और बेचने का प्रचलन चला आ रहा है। मगर खरीदने और बेचने की स्थिति-परिस्थिति अ...
शर्म और गर्व शब्दों का अपने आप में बहुत मायने है। मगर समय के साथ-साथ इनके मायने भी बदल गए हैं। पहले कोई भी गलत काम करने पर आदमी...
रोना भी एक कला है। हालांकि बिना रोये भी बहुत कुछ मिलता है। मगर, कहते है कि बिना रोये तो मां भी अपने बच्चे को द...
सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आज हम अपना गणतंत्र का 73वां उत्सव मना रहे हैं। हमारे पुरखों की संघर्ष-चेतना के कारण अंगे्रजों को भारत छोडऩा पड़ा ...
एक कहावत है जिसे मौके-बे-मौके किसी को भी कहते सुना जा सकता है। रिश्वत भी गिरगिट की तरह रंग बदलती रहती है। समय और परिस्थिति के अनुसार रिश्वत भी रंग बदलती रहत...
पांच राज्यों के चुनावों की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। पांच राज्यों में दो महीनों तक सियासी घमासान चलने वाला है। घमासान से तात...
आज हमारे समाज का असली चेहरा देखने की कोशिश करोगे तो जिस काम के लिए समर्थवान की जै-जै कार होती है और वही काम अगर गरीब करता है तो उसे दुत्कार और अपमान की घूंट...
पिछले कोई पौने दो वर्षों से पूरा विश्व कोरोना की मार झेल रहा है। इस कोरोना की मार में कई लोग और देश बर्बाद हो चुके हैं। कितने ही परिवार उजड़ गए हैं। किसी का...
मोबाइल ने आज माला को गायब कर दिया है। एक जमाना था तब भगवान में अटूट विश्वास रहता था। हर समय इंसान ईश्वर को याद रखता था। ईश्वर स...
कहते हैं कि बदलाव प्रकृति का नियम है। जो आज है वो कल नहीं और जो कल है वो परसों नहीं। मगर हमारी संस्कृति के बारे में कहा जाता है कि वह अक्ष...
यूं तो दुनिया में बहुतेरे बड़बोले हैं जिनकी आदत ही बहुत ज्यादा बोलने की होती है। बातें चाहे मतलब की हो या बेमतलब की। मगर वे तो बोलोंगे ही। मगर कुछ ऐसा भी है...
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