जयपुर @ जागरूक जनता। शक्ति फ़िल्म प्रोडक्शन की तरफ से जयपुर मे आयोजित होने बाले अपने आगामी कार्यक्रम जयपुर रत्न सम्मान समारोह के लिए ब्रांड एम्बेसेडर के रूप मे दिल्ली की मंडोली जेल के डिप्टी सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा को नियुक्त किया हैं, शक्ति फ़िल्म प्रोडक्शन की फाउंडर अम्बालिका शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया की दीपक शर्मा एक ऐसे जेलर हैं जिसपर देश गर्व करता हैं, जिसने दामिनी गैंगरेप के आरोपियों मे खोफ़ पैदा कर दिया,
आगे दीपक शर्मा के बारे मे अम्बालिका बताती हैं, कोई अच्छा गुरु मिल जाये तो कुछ भी नामुकिन नही होता है आपकी लगन विश्वास मेहनत ही आपको महान बनाती है सालों मेहनत करने और डाइट फॉलो करने के बाद ही फिटनेस हासिल हो पाती है । दिल्ली पुलिस की भागदौड़ भरी जिंदगी और बिजी लाइफ स्टाइल के बीच वर्कआउट व डाइट फॉलो करने के लिए समय निकाल पाना बड़ा चैलेंजिंग काम है।
यदि आपकी ड्यूटी जेलर या जेल की गतिविधियों के लिए लगाई गई हो जहां देश के खूंखार अपराधियो की निगरानी का जिम्मा सौपा गया हो ऐसे में फिटनेस मेंटेन कर पाना और भी मुश्किल हो जाता है। इसका जीता-जागता उदाहरण हैं जेलर दीपक शर्मा है जिन्होंने ने ये करशिमा कर दिखाया है ,
दीपक शर्मा कई बार फिटनेस को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं इनको बड़ी ही गंभीर जिम्मेदारी सौपी गई है
जेल प्रशासन की तरफ से दिल्ली की मंडोली जेल के डिप्टी जेल सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा को निर्भया के दोषियों को फांसी देने के समय खासतौर पर तिहाड़ जेल में नियुक्त किया गया था क्योंकि दिल्ली पुलिस के बड़े अफसरों के विश्वास पात्र अफसरों में से एक है दीपक शर्मा । सुपरिटेंडेंट दीपक शर्मा मूल रूप से दिल्ली के यमुना विहार के रहने वाले हैं। वह साल 2009 में पुलिस में भर्ती हुए थे, उस समय वह काफी दुबले पतलेथे। साल 2010 में सलमान खान स्टारर फिल्म दबंग रिलीज हुई।इस फिल्म को देखकर उनके अंदर नया जोश भर दिया और उन्होंने अपना वजन बढ़ाने की ठान ली। उसके बाद उन्होंने डाइट फॉलो करना और वर्कआउट करना शुरू कर दिया।
दीपक शर्मा ने 2014 से प्रोफेशनल बॉडी बिल्डर के रूप में करियर की भी शुरुआत कर दी और डिपार्टमेंट के लिए कई मेडल जीते। वह मिस्टर यूपी, मिस्टर हरियाणा, मिस्टर दिल्ली, आयरन मैन ऑफ दिल्ली (सिल्वर), स्टील मैन ऑफ इंडिया (सिल्वर मेडल) जैसे कई खिताब जीत चुके हैंजो वाकई में दिल्ली पुलिस के लिए नाज है दीपक शर्मा
निर्भया गैंगरेप के आरोपियों को फांसी के फंदे तक ले जाने के लिए ऐसे ऑफिसर्स की तलाश थी, जो मौका पड़ने पर उन चारों को संभाल सके। इस कारण यह जिम्मेदारी दीपक शर्मा को सौंपी गई।वो बिना नींद लिए 72 घण्टो तक आरोपियों की बैरक के सामने यानी 1 मीटर दूरी पर बैठा था। इस दौरान वे वहां से हिले तक नहीं और न ही सोया। यह दीपक शर्मा लिए काफी बड़ी जिम्मेदारी थी। इसी के साथ अम्बालिका ने बताया की दीपक शर्मा सामाजिक गतिविधियों मे भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ऐसी शख्सियत को ब्रांड एम्बेसेडर नियुक्त करते हुए बहुत खुशी हो रही हैं।